खेती-बाड़ी में किसानों की सक्रियता बढ़ती जा रही है, जिसका श्रेय जाता है कृषि करने की नई विधियोंको, जिन्हें सीखकर किसान न सिर्फ अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि अधिक उत्पादन भी ले रहे हैं. आधुनिक दौर में किसानों को मालामाल बनाने वाली तकनीकों में शामिल है मल्टी लेयर फार्मिंग जिसे बहुस्तरीय खेती भी कहते हैं.
क्या है मल्टी लेयर फार्मिंग
एक ही समय और स्थान पर एक साथ 4 से 5 फसलों की खेती करने की विधि को मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक कहते हैं. खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर मल्टीलेयर फार्मिंग के फायदे ही अनोखे हैं.
इस विधि से खेती करने पर फसल में कीट-पतगों का संकट नहीं मंडराता, जिससे किसानों को काफी बचत होती है.
एक साथ कई फसलें उगाई जाती हैं, जिससे खर्च में 4 गुना बचत होती है और अलग-अलग फसलों के उत्पादन से मुनाफा 8 गुना तक बढ़ जाता है.
खेती की इस विधि के जरिये फसलों को एक दूसरे से ही पोषण मिल जाता है, जिससे खाद-उर्वरक और यूरिया पर अलग से खर्च नहीं करना पड़ता.
मल्टीलेयर फार्मिंग में खेतों की सारी खाली जमीन में सब्जियों और फसलें उगा दी जाती है, जिसके चलते खरपतवारों के उगने के झंझट ही नहीं होता.
प्रति हेक्टेयर फसल के हिसाब से डाली गई खाद-उर्वरकों से एक ही साथ सारी फसलों को पोषण मिल जाता है.
इस तरीके से खेती करने पर सारे कृषि कार्य एक साथ किये जाते हैं, जिससे श्रम और समय की भी बचत होती है.
कम से कम 70% पानी के कारण मल्टीलेयर फार्मिंग की विधि किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है.
कब करें मल्टीलेयर फार्मिंग
वैसे तो मल्टीलेयर फार्मिंग साल में कई बार अपनाकर फसल और सब्जियां उगा सकते हैं, लेकिन फरवरी की महीना इस काम के लिये सबसे बेहतर रहता है. क्योंकि इस दौरान मौसम सर्द होता है, जिससे
फसल में कीड़े-बीमारियां लगने की संभावना नहीं रहती है. ठंड की पर्याप्त नमी के कारण फसलों को भी अधिक पानी और अधिक देखभाल की जरूरत भी नहीं पड़ती.
विशेषज्ञों की मानें तो अदरक और हल्दी की खेती के लिये मल्टीलेयर फार्मिंग विधि काफी कारगर साबित हो सकती है,
इस विधि से पत्तेदार सब्जियां जैसे-मेंथी, पालक, चौलाई आदि की खेती कर सकते हैं, जिसकी मांग बाजार में बनी रहती है.
किसान चाहें तो खरीफ सीजन के लिये भी ढांचा बनाकर बेलवाली सब्जियों की मल्टीलेयर फार्मिंग कर सकते हैं, जिसके तहत कुंदरू, करेला, परवल, पड़ौरा की फसलें एक साथ लगाई जा सकती हैं.
मल्टीलेयर फॉर्मिंग में लागत
बहुस्तरायी खेती को बेहद किफायती विधि के नाम से भी जाने है, जिसमें खेत में फसलें उगाने पर सामान्य से कम ही खर्च आता है, लेकिन ढांचा बनाकर बेलदार सब्जियों की मल्टीलेयर फार्मिंग करने पर एक एकड़ खेत में 25,000 रुपये की शुरुआती लागत आ जाती है. इसे पूरी तरह तैयार होने में एक लाख तक का खर्च आ जाता है, लेकिन ये अगले 5 साल तक किसानों को कई लाख की आमदनी भी देता है.मल्टीफॉर्मिंग किसानों को कम जगह पर ज़्यदा फसल उगने का दे रही मौका, किसान बन रहे आर्थिक रूप से मजबूत