भारत में पांरपरिक फसलों से ज्यादा सब्जी फसलों की मांग रहती है. सब्जी फसलें किसानों को कम समय में अधिक मुनाफा कमाने में मदद करती हैं. यही कारण है कि अनाज, दलहन, तिलहन और फलों के बागों के साथ सब्जी फसलों की खेती करने का चलन भी बढ़ गया है.बात करें फूलगोभी की तो ये सर्दियों यानी रबी सीजन की प्रमुख सब्जी फसल है, जिसके लिये अगस्त से ही नर्सरी तैयार करने का काम शुरु कर सकते हैं. इसकी खेती से अच्छी आमदनी कमाने के लिये फूलगोभी की उन्नत किस्मों का चयन करना लाभकारी रहता है.
फूल गोभी की खेती
फूलगोभी को सर्दियों के सीजन की प्रमुख फसल कहते हैं. हालांकि सर्दियों की शुरुआत में कम उत्पादन के कारण इसके दाम आसमना छू जाते हैं, लेकिन बढ़ते उत्पादन और निर्यात के साथ इसकी कीमतें भी गिरने लगती हैं. वैसे तो सर्दियों से पहले ही फूलगोभी खाने का चस्का सभी के दिमाग में चढ़ा होता है, इसलिये कृषि वैज्ञानिकों ने फूलगोभी की ऐसी किस्में विकसित की हैं, जिन्हें जून-जुलाई के बीच उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बता दें कि किसान पॉलीहाउस में भी फूलगोभी की सरंक्षित खेती कर सकते हैं, जिससे हर मौसम में फूलगोभी की डिमांड को पूरा कर सकते हैं.
ये हैं फूलगोभी की उन्नत किस्में
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा नई दिल्ली के वैज्ञानिकों ने फूल गोभी की कई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जिसमें पूसा अश्विनी, पूसा मेघना, पूसा कार्तिक, पूसा कार्तिक संकर हैं. ये फूलगोभी अगेती किस्में हैं, जिनकी बुवाई से पहले कैप्टान नामक दवा से इनका उपचार करना फायदेमंद रहता है, क्योंकि फूलगोभी की फसल में कीड़े लगने की काफी समस्या रहती है. ऐसे में बीजोपचार करने पर ये संभावनायें भी नहीं रहतीं.
बरतें ये सावधानी
फूलगोभी की फसल अधिक नमी सहन नहीं कर पाती, इसलिये जल निकासी के बाद खेतों को सुखायें और हल्की नमी रहने पर फूलगोभी की रोपाई करनी चाहिये.
रोपाई से पहले खेतों में गहरी जुताईयां लगाकर खरपतवार नाशी दवा का छिड़काव करना चाहिये, जिससे बाद में खरपतवारों के लिये अलग से परेशान ना होना पड़े.
जुताई के बाद खेत में डालने के लिये 100 किलो गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में एक किलो टाइकोडर्मा का मिश्रण बनायें और 7 से 8 दिन बाद ही खेत में डालें.
ध्यान रखें कि फूलगोभी की बुवाई या रोपाई ऊंची बेड़ या मेड़ बनाकर ही करें, इससे निराई-गुड़ाई करने में आसानी है और फसल में पानी का जमाव भी नहीं होता.
बता दें कि अगेती फूल गोभी की नर्सरी pतैयार करने पर पौधे बुवाई के 40 से 45 दिन में तैयार हो जाती हैं. खेत की तैयारी के बाद इनकी कतारों में रोपाई कर देनी चाहिये.
फूल गोभी की फसल को खास देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि बदलते मौसम में कीड़े और फसल के रोगों से उत्पादन को नुकसान हो सकता है.
ऐसी स्थिति में जैविक कीट और रोग नाशी दवाओं का सहारा लेकर खेती करें, जिससे कम नुकसान और कम खर्च में अच्छी आमदनी मिल सकेगी.