
वैश्विक स्तर पर गेहूं की डिमांड अच्छी होने एवं निर्यात में वृद्धि होने के कारण इस वर्ष गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों को अच्छा फायदा हुआ। लेकिन इस बीच गेहूं निर्यात पर केंद्र सरकार ने अचानक प्रतिबंध लगा दिया इसके बाद से ही गेहूं के भाव में अस्थिरता चल रही है गेहूं के भाव लगातार गिरावट लिए हुए हैं किधर प्याज के दाम शुरुआत से ही कमजोर बने हुए हैं। इस वर्ष प्याज की खेती करने वाले किसानों को इसका घाटा उठाना पड़ रहा है। इन दोनों फसलों के दाम को लेकर आने वाले समय में क्या स्थिति रहने वाली है यह व्यापारियों एवं कृषि विशेषज्ञों से जानिए।
वर्ष 2022 में गेहूं के भाव क्या रहेंगे?
जैसा कि इस वर्ष गेहूं (Pyaj Lahsun Gehu ke Bhav 2022 me kya Rahenge) की फसल भारत में अच्छी हुई। इधर इसी दरमियान रूस एवं यूक्रेन के मध्य युद्ध छिड़ गया। युद्ध के कारण दोनों देश जो कि गेहूं की पैदावार करने में प्रमुख देशों में शुमार हैं, यहां पर गेहूं की खेती युद्ध के कारण प्रभावित हुई। जिसके चलते विश्व स्तर पर खाद्यान्न संकट गहराया और भारतीय गेहूं की डिमांड बढ़ी, डिमांड बढ़ने से एवं केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा निर्यातकों को सहूलियत दिए जाने से गेहूं के भाव में फरवरी से लगाकर 13 मई तक तेजी रही।
इस दौरान गेहूं मंडियों में समर्थन मूल्य याने की 2015 रुपए से ऊंचे दाम पर बिका। लेकिन 13 मई के पश्चात गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाते ही गेहूं के भाव लगातार गिर रहे हैं गेहूं के भाव में यह गिरावट अब तक चली आ रही है। मंडियों में ताजा भाव पर नजर डालें तो 1850 से लेकर 2000 तक गेहूं के भाव वर्तमान में बने हुए हैं, मतलब वर्तमान में गेहूं का भाव समर्थन मूल्य से नीचे आ गया है। गेहूं के भाव में गिरावट का यह दौर फिलहाल खत्म नहीं होगा। कृषि विशेषज्ञ एवं मंडी व्यापारी बताते हैं कि किसानों के पास गेहूं नहीं बचा है एवं जिन किसानों के पास गेहूं की स्टाक है, वह भी इस दौरान बेचेंगे इससे भाव में यही स्थिति बनी रहेगी मतलब वर्ष 2022 में गेहूं के भाव 1800 से 2200 रुपए से के मध्य बने रहेंगे।
वर्ष 2022 में प्याज के भाव क्या रहेंगे?
पिछले वर्ष प्याज के दाम अच्छा रहने के कारण इस वर्ष किसानों ने प्याज का रकबा बढ़ा दिया था, लेकिन पहले मावठा एवं मौसम के कारण किसानों को फसल में हानि हुई। प्याज में रोग फैला, वहीं इसके बाद प्याज की फसल पककर तैयार हो गई तो मंडियों में इसके भाव में तेज गिरावट हो गई। प्याज की खेती करने वाले किसानों को इस वर्ष शुरुआत से ही घाटा उठाना पड़ रहा है।
प्याज के दाम शुरुआत में 4 से 5 रुपए प्रति किलो तक रहे। लेकिन इस बीच अब प्याज के दाम में धीरे-धीरे सुधार होने लगा है। वर्तमान में मंदसौर एवं इंदौर मंडी में प्याज के भाव 1300 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। मंडी व्यापार विशेषज्ञ बताते हैं कि प्याज के भाव में धीरे-धीरे ओर बढ़ोतरी होगी। मतलब आने वाले समय में प्याज ₹20 प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना है।
इंदौर मंडी में प्याज के भाव यह बने हुए हैं :-
प्याज सुपर 1100 -1300
एवरेज 800 – 1000
गोलटा 400 – 700
गोलटी 200 – 350
छाटन 100 – 400
मंदसौर मंडी में प्याज के दाम प्याज 168 – 1299 रुपए प्रति क्विंटल रहे।
वर्ष 2022 में लहसुन के भाव क्या रहेंगे?
प्याज के साथ-साथ लहसुन की खेती करने वाले किसानों को भी इस वर्ष जबरदस्त घाटा उठाना पड़ रहा है। इसकी प्रमुख वजह लहसुन की फसल में थ्रिप्स रोग का फैलना है। रोग फैलने के कारण लहसुन की पैदावार घटी। वहीं बाजार में भाव नहीं मिलने के कारण किसानों को दुगना नुकसान हुआ। इतना ही नहीं किसान चाह कर भी लहसुन की फसल को स्टोर नहीं कर सके, क्योंकि रोग फैलने के कारण फसल खराब होने का डर बना रहा।
लहसुन के भाव में अब जाकर सुधार होने की उम्मीद जागी है। मंदसौर मंडी में आवक कम होने के कारण लहसुन के भाव ₹7000 तक पहुंच गए वही इंदौर मंडी में इसके भाव ₹3000 प्रति क्विंटल रहे। हालांकि कृषि विशेषज्ञ एवं मंडी व्यापारी का कहना है कि फिलहाल लहसुन के भाव में 1 महीने तक स्थिरता का दौर रहेगा यानी कि भाव बढ़ने की संभावना कम ही है, इसके बाद लहसुन के भाव में तेजी आने की पूरी संभावना बताई जा रही है।
इंदौर मंडी में लहसुन के भाव पर एक नजर
लहसुन नया तुलसी G2 लहसुन 2000 – 3000
नया देशी लहसुन फुल गोला सफेद 2100 – 2500
मोटा देसी 1500 – 2100
मीडियम लड्डू 800 – 1500
बारीक 200 – 500
हल्का माल 100 – 800
मंदसौर मंडी में लहसुन 500 – 7000 रुपए प्रति क्विंटल बिकी।
प्याज एवं लहसुन के भाव बढ़ने के आसार, यह है वजह
Pyaj Lahsun Gehu ke Bhav 2022 me kya Rahenge :
देशभर में प्याज की कीमत को लेकर किसानों में हाहाकार मचा हुआ था जिसके कारण सरकार ने प्याज एवं लहसुन की खरीदी सरकारी स्तर पर करने का निर्णय लिया राजस्थान सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा, केंद्र की मंजूरी मिलते ही राजस्थान में प्याज एवं लहसुन की खरीदी सरकारी स्तर पर होने लगी है। वही मध्यप्रदेश में भी सरकारी स्तर पर प्याज एवं लहसुन की खरीदी शुरू होने की संभावना है। सरकारी स्तर पर प्याज एवं लहसुन की खरीदी होगी तो दोनों फसलों के भाव निश्चित तौर पर बढ़ेंगे।