मानसून की बेरुखी झारखंड के गंभीर हालात की ओर बढ़ने के संकेत दे रहे हैं मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि कोल्हान में सिर्फ सरायकेला खरसावां के सामान्य से 33% कम दर्ज की गई है वहीं उत्तरी छोटानागपुर में सामान्य औसत से 50% तक कम तो दक्षिणी छोटानागपुर में रांची समेत अन्य जिलों में सामान्य औसत से 45% तक कम बारिश हुई है
संथाल और पलामू में तो कम बारिश का आंकड़ा औसत 70% तक पहुंच गया है मौसम वैज्ञानिक डॉ अभिषेक आनंद ने बताया है कि इस वर्ष बंगाल की खाड़ी में जो 12 निम्न दबाव के चित्र बने थे हां उसका असर उड़ीसा तक अच्छा रहा इधर बारिश का कोटा 15 अगस्त तक पूरा नहीं हुआ तो राज्य सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा.
जलवायु परिवर्तन के कारण सिस्टम कमजोर मौसम विभाग के अनुसार उत्तर बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनने और वहां से आने वाली नाम हवाएं झारखंड में बारिश कराती है लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इस बार बंगाल की खाड़ी में ऐसे सिस्टम बहुत कम बने जो 12 सिस्टम बने उसका लोकेशन राज्य के लिए फायदेमंद नहीं रहा लोकल सिस्टम के अवरोध के कारण बादल बारिश नहीं कर सके वर्तमान में भी बारिश तो हो ही रही पर काफी कम हो रही है