
छत्तीसगढ़ में लाख की खेती के जरिए किसानों की इनकम (Farmers Income) में वृद्धि की कोशिश शुरू हो गई है. इसके लिए बाकायदा किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा लाख की खेती (Lac Cultivation) को बढ़ावा देने के लिए 26 जून तक ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके तहत इच्छुक किसानों को एकत्र करके विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कैसे लाख पालन करने पर ज्यादा इनकम होगी. इसी सिलसिले में 20 से 21 जून तक भानु प्रतापपुर में प्रशिक्षण आयोजित किया गया. जबकि कटघोरा में 23 से 24 जून तक कुसुमी लाख पालन और 25 से 26 जून तक अम्बिकापुर में रंगीनी लाख पालन के बारे में किसानों को ट्रेंड किया जाएगा.
लाख का इस्तेमाल मुख्य तौर पर श्रृंगार और सजावट की चीजों में होता है. यह एक बहु उपयोगी उत्पाद है जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलती है. लाख के कीड़े कुसुम, बेर और पलास के पेड़ों पर पाले जाते हैं. वे इनकी शाखाओं से रस चूसकर भोजन प्राप्त करते हैं. वे अपनी सुरक्षा के लिए राल का स्राव कर कवच बना देते हैं. जिसे टहनियों से खुरचकर निकाला जाता है. इसी को लाख बोलते हैं. किसान प्रति पेड़ 15 से 20 हजार रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. लाख की खेती को छत्तीसगढ़ में कृषि का दर्जा मिला हुआ है.
ट्रेनिंग में किसने लिया हिस्सा
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में भानु प्रतापपुर में 20 जून से आायोजित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में गरियाबंद, कोण्डागांव, कांकेर, पूर्व भानु प्रतापपुर, पश्चिम भानु प्रतापपुर, नारायणपुर, जगदलपुर, बीजापुर तथा सुकमा वन मंडल के लाख पालक किसानों तथा संबंधित स्व-सहायता समूह के सदस्यों ने हिस्सा लिया. जिला यूनियन भानु प्रतापपुर में आयोजित सर्कल स्तरीय लाख पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में जगदलपुर, कांकेर सर्कल एवं खैरागढ़ जिला यूनियन के 134 प्रशिक्षणार्थी ने हिस्सा लिया. जिसमें लाख पालक कृषक, स्वसहायता समूह, इंटर्न, सीनियर, जूनियर एग्जीक्यूटिव शामिल थे.
कौन देगा ट्रेनिंग
दरअसल, यहां के किसान पलाश, कुसुम और बेर के पेड़ों पर परंपरागत रूप से लाख की खेती करते आ रहे हैं. इसलिए अब सरकार चाहती है कि उन्हें इसके आधुनिक तौर-तरीकों से अवगत करवाया जाए. ताकि किसानों की आय (Farmers Income) में वृद्धि हो. इसलिए ट्रेनिंग आयोजित की जा रही है. इसी मकसद से 23 जून को कटघोरा में आयोजित होने वाली ट्रेनिंग में कोरबा, कटघोरा, धमरजयगढ़, रायगढ़, जशपुर, रामपुर, कवर्धा तथा बिलासपुर और प्रशिक्षण स्थल अम्बिकापुर में कोरिया, मनेन्द्रगढ़, बलरामपुर, सूरजपुर, सरगुजा, मरवाही तथा कटघोरा के लाख पालक किसान शामिल होंगे.
लाख पालन के लिए ट्रेनिंग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक एके जायसवाल देंगे. वो इसकी खेती को लेकर प्रजेंटेशन देंगे. यही नहीं कुसुम वृक्षों की प्रूनिंग, बिहन लाख बांधना और दवाई छिड़काव के बारे में भी बताएंगे. लाख पालन में किसानों को आ रही समस्या का समाधान किया जाएगा.