जैसे हम देखे हैं कद्दू, सेम का पौधा इनके जैसे ही इनकी भी लताएं फैलती है और Kali Mirch की फल की बात करें तो यह गुच्छे जैसा फल देता है जैसे हम देखे होंगे अंगूर के फल को कुछ इसी तरह से इसके भी गुस्से लगते हैं।जो कि इसके लिए लाल मिट्टी काफी उत्तम होता है और यह सितंबर महीने के बीच में लगाया जाता है और यह करीब 20 से 30 साल तक फलता फूलता है।यह वर्षा आधारित खेती भी है जो जुलाई-अगस्त में पकता है जिससे किसान लगभग 500 झाड़ से 50 से 60 लाख तक कमा सकते हैं तो चलिए हम इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
काली मिर्च
दोस्तों काली मिर्च बेल जैसा होता है और इसकी लताएं फैलती है इसका फल काला रंग का छोटा-छोटा दाने जैसा होता है चना के दाने से भी छोटा कहा जाए तो गेहूं के दाने से थोड़ा बहुत बड़ा होता है।इसमें हमको सफेद काली मिर्च भी देखने को मिलता है जो कि इसी लताओं में से निकलता है जो कि आज के समय में काली मिर्च काफी अच्छी आयुर्वेदिक औषधि भी है।जो लगभग हमारे बहुत से आयुर्वेदिक चिकित्सक इनको खाने की सलाह देते है
बीज कैसे उगाए
इसके लिए निश्चित गुण वाली मिट्टी और पानी की जरूरत होती है और यह जैविक तरीके से करने पर काफी ज्यादा उत्पादन देता है।
इसके लिए उपयुक्त मिट्टी लाल लेटराइट और लाल मिट्टी काफी उत्तम है और इसके साथ में मिट्टी का Ph 5 से 6 होना चाहिए और यह हल्की ठंडी जलवायु क्षेत्र के लिए काफी उपयुक्त फसल है जो लगभग 10 से 12 सेंटीग्रेड तापमान इस फसल के लिए काफी अच्छा साबित होता है।
रोपण का उचित समय
अब आते हैं काली मिर्च को हम कब लगा सकते हैं किस महीने में इसकी फसल लगाएं तो अच्छा होगा तो इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति के हिसाब से हम सितंबर माह के बीच में लगाएं तो काफी अच्छा होता है।
जिसमें हम लगाते समय थोड़ी बहुत सिंचाई भी करें जिससे इसके फसल को अंकुरण होने में काफी मदद मिलती है किसान वीरो इसको हम कलम विधि से काटकर भी लगा सकते हैं या रोपित कर सकते हैं।
जो की कतार में लगनी चाहिए जो कि इसकी क्षमता एक हेक्टेयर में 1600 से 1700 होता है इसकी बेल की चढ़ाई की बात करें तो यह 30 से 50 मीटर ऊपर तक जा सकता है लेकिन आप ऐसा ना करें इसके लताओं को फैलने के लिए थोड़ी बहुत ऊपर तक इसकी व्यवस्था कर ले।
काली मिर्च की खेती में खाद व उर्वरक
किसान वीरों कोई भी फसल को लगाते हैं तो उसके लिए उचित खाद एवं उर्वरक की आवश्यकता होती है तो ऐसे में हम खाद को 5KG की मात्रा में मिलाकर उपयोग करना चाहिए इसकी फसल में 100G पोटेशियम 750G मैग्नीशियम सल्फेट को भूमि में मिलाना चाहिए।
और जिस भूमि में एसिड ज्यादा होता है उसमें 500 ग्राम डोलोमाइट चुना के घोल 2 साल में एक बार देना चाहिए या फिर सबसे अच्छा यह है कि आप जैविक तरीके खेती करें।इसमें पैदावार अच्छी मिलती है इसमें हम फसलों के अवशेष भी उपयोग कर सकते हैं जैसे हरीघास, गोबर खाद मुर्गी लीद, आदि। है क 21 दिनों के अंतराल में हम neem gold का छिड़काव करते रहे।
सिंचाई
काली मिर्च वैसे तो वर्षा आधारित खेती है जो समय समय पर बारिश होने पर इसमें सिंचाई लगभग हो ही जाती है फिर भी कई बार बारिश नहीं हो पाती इस दशा में आप इसमें आवश्यकतानुसार सिंचाई जरूर करें।
पकने का समय और कटाई
पकने का समय जुलाई महीने से चालू हो जाता है जो कि जुलाई महीने में यह थोड़ा-थोड़ा सफेद और हल्के पीले रंग का इसमें फूल दिखने लगता है।
जो कि जनवरी से मार्च मैं पूरी तरह से फल पक कर तैयार हो जाता है काली मिर्च सूखने के बाद हर पौधे से 4 से 6 किलो काली मिर्ची निकलती है जो कि लगभग हर गुच्छे में 60 से 70 दाने होते हैं जिसको हम अच्छे से सुखा कर बेच सकते हैं।
मुनाफा
दोस्तों कोई भी फसल हो या कोई भी काम हो उसका हमें मुनाफा मिले तभी हम कोई काम करते हैं तो इसी के चलते हम मुनाफा देखें तो एक झाड से लगभग हम 10 से 12 हजार की कमाई कर सकते हैं।जो कि अभी मार्केट रेट कुछ समय से 400 से ₹450 प्रति KG देखने को मिल रहा है हम अगर 500 पेड़ लगाते हैं तो सालाना से 50 से ₹60 lakh कमा सकते है।काली मिर्च ऐसा झाड़ है जो लगभग 25 से 30 साल तक फल देती है तो ऐसे में कहा जाए तो किसानों के लिए काफी अच्छा सौदा है बस फसल लगाकर आपको इसकी देखभाल बस करनी है जिससे आपको मार्केट रेट के हिसाब से मुनाफा मिलते रहेगा।