किसान की आय बनाने के लिए सरकार समय समय तमाम तरह की योजना लॉन्च कर रहे हैं ।खेती किसान रसायनिक उर्वरक रहित हो इसके लिए सरकार अपने स्तर पर किसानों को जागरूक करने के लिए ट्रेनिंग मुहैया कराने का काम करती है ।सरकार किसानों की खेती में रासायनिक उर्वरक की जगह जैविक खाद का उपयोग करने की सलाह देती है। इससे एक तो जमीन की उर्वरा क्षमता बनी रहेगी साथ ही लोगों तक प्रदूषण मुक्त अनाज पहुंचेगा इस सेवा तमाम तरह की बीमारियों से भी बच सकेंगे ।
अक्सर किसान केले के पौधे के अवशेष को बेकार समझ खेत में छोड़ देते हैं। इससे पर्यावरण तो खराब होता ही है। साथ ही मिट्टी की उर्वरा क्षमता को नुकसान पहुंचता है। इस स्थिति से बचने के लिए किसान बेकार केले के तने से जैविक खाद बनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं ।सीतापुर के राहुल सिंह बड़े पैमाने पर केले की खेती करते हैं , वह कहते हैं कि पहले यहां भी ज्यादातर किसान केले के तने को बेकार समझकर ऐसे ही फेंक देते थे। बदबू से आसपास से गुजारना मुश्किल हो जाता था।
ज्यादातर किसान जागरूक हो गए हैं वह अब इसके तने से जैविक खाद बना रहे हैं। इसके लिए वह एक गड्ढा बनाया जाता है जिसमें केले के तने को डाल दिया जाता है फिर उसमें गोबर और खरपतवार को भी डाल देते हैं।। इसके बाद डी- कंपोजर का छिड़काव कर देते हैं। कुछ ही वक्त में यह पौधा खाद के रूप में तैयार हो जाता है ।जिससे इस्तेमाल से किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और साथ ही फसल में भी वृद्धि होती है।