सब्जियों की खेती से मुनाफा कमाने की चाह रखने वाले किसान खीरा ककड़ी का उत्पादन कर सकते हैं. खीरा ककड़ी की खेती कर अच्छी कमाई की जा सकती है गर्मी के सीजन के अलावा हर मौसम में सलाद खाने के शौकीन लोगों के बीच खीरा ककड़ी काफी लोकप्रिय है मार्केट में अच्छी डिमांड होने के कारण आमदनी अच्छी होती है. मध्य प्रदेश के धार जिले में किसान इनकॉरपोरेटिंग तकनीक यानी एक खेती में फसल लगाने पर 20 -25 हजार का निवेश कर डेढ़ लाख रुपए कमा सकती है . इंटरक्रॉपिंग के लिए किसानों को यह जानना जरूरी है,कि खेत में एक फसल लगाने के बाद खाली मिट्टी पर कौन सी फसल लगाई जा सकती है .कपास और खीरा ककड़ी की इंटर क्रॉपिंग के बारे में इस रिपोर्ट में हम जानेंगे.
कैसे करें एक ही खेत में कपास और ककड़ी की खेती
भारत की मिट्टी में पैदा होने वाली हर फसल की अपनी खासियत और कुछ प्रजातियां अलग-अलग होती है.अरब मुल्कों में यहां की फसल की काफी अधिक डिमांड होती है.मध्य प्रदेश के धार में खीरा ककड़ी उगाने वाले किसान कम निवेश में शानदार मुनाफा कमा रहे हैं. इन किसानों का कहना है कि मुनाफा कमाने के राज इंटर क्रॉपिंग तकनीक खेती से करना बेहतर माना जा रहा है.
विदेशों में भेजे जा रहे हैं भारत के उत्पाद
खबरों के मुताबिकभारत के सब्जियों की अच्छी मांग को देखते हुए मध्य प्रदेश के धार जिले में कई किसान खीरा और ककड़ी की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. किसान को अपनी फसल बेचने के लिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि खरीदार और व्यापारी उनके खेत में आकर अच्छी कीमत पर सीधे खरीद कर उनकाअच्छा कीमत दे रहे हैं. दूसरे राज्य में आने वाले बड़े व्यापारिक हीरे और ककड़ी की वेक्यूम पैकिंग कर आते हैं .जयपुर और गुड़गांव जैसे शहर में बिकने के अलावा वेक्यूम पैकिंग की मदद से ताजे कीड़े और ककड़ी अरब देश में एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं.जिसे काफी पसंद किया जा रहा है और इसकी मांग भी बहुत अधिक है.
कैसे होती है इंटर क्रॉपिंग
आपने कई बार देखा होगा कि किसी खेत में गेहूं के साथ साथ सरसों भी उगाया जाता है जिसे आमतौर पर भारत में मिश्रित खेती के नाम से जाना जाता है ठीक उसी प्रकार धार में खीरा ककड़ी की खेती के संबंध में किसान इंटर क्रॉपिंग तकनीक से खेती कर कपास और ककड़ी की खेती एक ही खेत में कर रहे हैं रिपोर्ट में बताया गया है कि कपास और खीरा ककड़ी एक बार मैं लगाने पर साल में तीन बार फसल हासिल की जा सकती है इंटर क्रॉपिंग का मतलब एक ही खेत में दो फसलों की रोपाई करना है इस पद्धति में खेत में खाली जगहों पर ऐसे फसल की रोपाई हो जाती है जो काम जगह लेते हैं साथ ही उनके बढ़ने की गति थोड़ी धीमी होती है .