छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, राज्य सरकार 28 जुलाई से हरेली त्यौहार के अवसर पर न्यूनतम 4 रुपये प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी करेगी. बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 साल पहले हरेली पर्व के अवसर पर ही ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ किया था, जिसके तहत पशुपालकों से गाय के गोबर की खरीदी की जा रही है. 20 जुलाई को छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना के हितकारियों के खातों में करोड़ों रुपए की राशि भी ट्रांसफर की.
गोधन न्याय योजना में गौमूत्र 4 रुपए प्रति लीटर
बता दें कि गोधन न्याय योजना में सरकार पहले केवल गाय के गोबर की खरीदी करती थी, लेकिन अब सरकार ने गौमूत्र की खरीदी करने का भी फैसला लिया है. पहले चरण में प्रत्येक जिले में दो स्वतंत्र गौठानों में गौमूत्र खरीद की जाएगी. गौठान प्रबंधन समिति स्थानीय स्तर पर गौमूत्र की दरें तय करने की हकदार होंगी. हालांकि, कृषि विकास और किसान कल्याण विभाग ने न्यूनतम 4 रुपए प्रति लीटर की दर का प्रस्ताव रखा है.
‘गोधन न्याय योजना’ क्या है ?
‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ 20 जुलाई 2020 को किया गया था. यह योजना पशुपालकों, जैविक किसानों को आय प्रदान करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. जिसके तहत वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए गौठानों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम गाय का गोबर खरीदा जा रहा है. आंकड़े देखें, तो पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के गाय के गोबर की खरीद की है, और स्वयं सहायता समूहों ने 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मीकम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और सुपर प्लस कम्पोस्ट का उत्पादन किया है, जिसके लिए उन्हें 143 करोड़ रुपये मिले हैं.
‘गोधन न्याय योजना’ के हितकारियों को भेजे 7 करोड़ 48 लाख रूपए
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘गोधन न्याय योजना’ की दूसरी सालगिरह के अवसर पर इस योजना के हितकारियों के खाते में 7 करोड़ 48 लाख रुपए की राशि को ऑनलाइन ट्रांसफर किया. सीएम बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर बोनस दिया जाएगा. इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. महिला समूहों को प्रति किलो वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर 01 रुपए तथा सहकारी समितियों को 10 पैसे का बोनस मिलेगा.